वैष्णव को किन चार रात्रियों में सोना निषिद्ध है?

🌿 वैष्णव जीवनशैली: नींद भी भक्ति का हिस्सा सनातन धर्म में उठना, बैठना, सोना, जागना — सब साधना का हिस्सा माना गया है।वैष्णव (भगवान विष्णु और कृष्ण के भक्त) के लिए जीवन का सिद्धांत है: “हर क्षण ईश्वर-चिंतन।” कुछ रात्रियाँ ऐसी मानी जाती हैं जिनमें सोना शुभ नहीं। इन रातों में जागरण, भजन, जप, ध्यान … Read more

“काला अष्टमी: तंत्र, साधना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण | Kala Ashtami Special Blog”

🕉️ काला अष्टमी क्या है? काला अष्टमी, जिसे काल भैरव अष्टमी कहा जाता है, भगवान शिव के उग्र और रक्षक रूप — भगवान काल भैरव को समर्पित पर्व है। यह हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है, लेकिन कार्तिक / मार्गशीर्ष मास की कृष्ण अष्टमी सबसे प्रमुख मानी जाती है। इसे महाकालाष्टमी या … Read more

🌓 चंद्रमा का आकार रोज़ क्यों बदलता है? विज्ञान + आध्यात्मिक रहस्य

⭐ परिचय (Introduction) रात के आसमान में चमकता हुआ चंद्रमा…कभी छोटा, कभी आधा, कभी पूरा गोल और कभी बिल्कुल गायब! हम रोज़ चंद्रमा में बदलाव देखते हैं और यही सवाल उठता है — 👉 चंद्रमा का आकार रोज़ क्यों बदलता है?👉 क्या चंद्रमा वाकई छोटा-बड़ा होता है?👉 इसका क्या विज्ञान है?👉 क्या वेद और धर्म … Read more

🌅 सूर्योदय का समय रोज़ क्यों बदलता है? | Suryoday Ka Samay Roj Kyu Badalta Hai?

✨ भूमिका क्या आपने कभी यह गौर किया है कि अख़बार में रोज़ जो सूर्योदय का समय लिखा होता है, वह हर दिन थोड़ा अलग होता है?कभी 6:45 AM, अगली सुबह 6:46 AM, फिर 6:47 AM… लोग सोचते हैं कि सूरज तो वही है, पृथ्वी वही है, फिर समय क्यों बदलता है? 👉 असली कारण … Read more

प्रहर क्या होते हैं? | प्रहर का अर्थ, समय-विभाजन और धार्मिक महत्व

1. प्रहर क्या होते हैं? भारतीय संस्कृति में समय को केवल घंटे, मिनट और सेकंड में नहीं, बल्कि प्रहरों में भी मापा जाता है।प्रहर का अर्थ है — समय का एक निश्चित भाग। संक्षेप में: एक प्रहर = 3 घंटे 2. प्रहर का इतिहास और उत्पत्ति प्रहर की प्रणाली का उपयोग: में किया जाता था। … Read more

✨ कार्तिक पूर्णिमा: दिव्य प्रकाश और पुण्य का पर्व

1️⃣ कार्तिक पूर्णिमा क्या है? हिंदू धर्म में कार्तिक महीना सबसे पवित्र माना जाता है।इसके अंतिम दिन आने वाली पूर्णिमा को “कार्तिक पूर्णिमा” कहा जाता है। यह पर्व इतना पवित्र माना गया है कि कहा गया है: “कार्तिक पूर्णिमा पर एक दिया जलाने मात्र से करोड़ों जन्मों का अंधकार मिट जाता है।” इस दिन पाँच … Read more

सोम प्रदोष व्रत — महत्व, कथा, विधि, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहस्य

✨ Chapter 1: प्रदोष व्रत क्या है? (Introduction) संस्कृत में ‘प्र’ + ‘दोष’ मिलकर बना शब्द है — प्रदोष, जिसका अर्थ है: “संध्या के समय किया गया शुभ कार्य” यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और हर महीने दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। … Read more

तुलसी विवाह क्यों मनाया जाता है?

🟢 परिचय: तुलसी विवाह क्या है? तुलसी विवाह एक अत्यंत पवित्र सनातन परंपरा है, जिसमें भगवान शालिग्राम (विष्णु स्वरूप) और तुलसी माता (वृंदा अवतार) का विवाह किया जाता है। यह विवाह देवउठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल एकादशी) को होता है। इस दिन से देवताओं का चार महीने का शयन समाप्त होता है और सभी शुभ कार्य, … Read more

देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी)

— भगवान विष्णु के जागरण का दिव्य पर्व | तुलसी विवाह | शुभ कार्यों की शुरुआत 🛕 प्रस्तावना: देवउठनी एकादशी क्या है? देवउठनी एकादशी कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इसे प्रबोधिनी एकादशी / देव उठनी कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। चातुर्मास … Read more

🕉 अभिजीत मुहूर्त: हर कार्य में सफलता दिलाने वाला दिव्य समय

1. अभिजीत मुहूर्त क्या है? अभिजीत मुहूर्त पंचांग के अनुसार दिन का वह समय है जो बहुत ही शुभ, पवित्र और सफलता देने वाला माना जाता है।यह समय प्रतिदिन आता है, चाहे कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हो या न हो। यह मुहूर्त सूर्य के मध्यकाल, अर्थात् दोपहर के समय को दर्शाता है। 👉 यह दिन … Read more